Astrology (Jyotish)
ज्योतिष शास्त्र त्रिकाल का विज्ञान है इसे वेदों का नेत्र कहा गया
है | भूत और वर्तमान की अपेक्षा भविष्य काल का आयाम विस्तृत होता है | हर
एक व्यक्ति में अनन्त सम्भावनाएं छिपी होती हैं | मानव - मन सदैव भविष्य
की विविध संकल्पनाओं में गतिशील रहता है |